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शासकीय और अर्द्धशासकीय विश्राम गृहों में राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध

सारंगढ़-बिलाईगढ़, 22 जनवरी 2025। नगरीय निकाय और पंचायत आम चुनाव 2025 को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू ने आदेश जारी कर शासकीय और अर्द्धशासकीय विश्राम गृहों, सर्किट हाउस, गेस्ट हाउस एवं छत्तीसगढ़ भवन में राजनीतिक प्रचार-प्रसार पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश आचार संहिता की अवधि के दौरान प्रभावी रहेगा।

आदेश के अनुसार, आचार संहिता लागू होने की तिथि से लेकर चुनाव समाप्ति तक किसी भी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि, मंत्री, या सार्वजनिक उपक्रमों के पदाधिकारी इन विश्राम गृहों में राजनीतिक उद्देश्य से ठहरने या गतिविधियां संचालित करने के पात्र नहीं होंगे। हालांकि पात्रतानुसार और उपलब्धता के आधार पर इन स्थानों पर कक्ष आवंटित किया जा सकता है, किंतु इसके लिए निर्धारित शुल्क जमा कर विधिवत रसीद जारी की जाएगी।

प्रमुख दिशा-निर्देश:

  • विश्राम गृहों में ठहरने वाले व्यक्ति के लिए पृथक टेलीफोन रजिस्टर रखा जाएगा, और किए गए कॉल्स के लिए निर्धारित राशि तुरंत वसूली जाएगी।
  • भोजन की व्यवस्था नहीं की जाएगी।
  • राजनीतिक बैठकों और विचार-विमर्श पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
  • आगंतुकों का पूरा ब्यौरा, जिसमें नाम, पता, ठहरने का उद्देश्य और ली गई राशि दर्ज की जाएगी।
  • अधिकतम 47 घंटे तक ही ठहरने की अनुमति दी जाएगी।
  • एक व्यक्ति के लिए अधिकतम तीन वाहनों की अनुमति होगी।
  • निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षकों के लिए आरक्षित कक्षों में किसी अन्य राजनीतिक दल के व्यक्ति को आवास की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • निर्वाचन आयोग के अधिकारी द्वारा मांगे जाने पर सभी अभिलेख प्रस्तुत किए जाएंगे।

आरक्षण प्रक्रिया: शासकीय या अर्द्धशासकीय विश्राम गृहों का आरक्षण जिला मुख्यालय में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से किया जाएगा। अनुविभागीय स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) और अन्य स्थानों पर तहसीलदार एवं कार्यपालिक दंडाधिकारी आरक्षण की जिम्मेदारी संभालेंगे।

यह आदेश निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।

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